‘मंगल ग्रह’ पर अमेरिका के चार वैज्ञानिकों ने बिताया एक साल, सकुशल बाहर आने पर बजी तालियां, मानवीय संपर्क से दूर थे सभी

वाशिंगटन
चंद्रमा के बाद जल्द ही इंसान अब मंगल ग्रह पर अपने कदम रखेगा। इस दिशा में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। मंगल ग्रह के वातावरण की तरह डिजाइन खास घर में नासा के चार वैज्ञानिक 378 दिन बिताने के बाद सकुशल बाहर आ चुके हैं। इस मिशन के माध्यम से नासा यह शोध करने में जुटा है कि अगर इंसानों को मंगल ग्रह पर भेजा जाता है तो क्या-क्या करना होगा।

चार वैज्ञानिकों ने बिताया एक साल
नासा के चार वैज्ञानिक एंका सेलारियु, रॉस ब्रॉकवेल, नाथन जोन्स और टीम लीडर केली हेस्टन ने पिछले एक साल से मंगल ग्रह पर जाने के मिशन से जुड़े कार्यक्रम का हिस्सा बने और मंगल ग्रह पर मनुष्य कैसे रहेगा, क्या चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, इसका अध्ययन किया।

मानवीय संपर्क से दूर थे सभी
378 दिन बाद टेक्सास के ह्यूस्टन में "मंगल ग्रह" की तर्ज पर बने आवास से बाहर आने पर सभी लोगों ने जोरदार तरीके से इन वैज्ञानिकों का स्वागत किया। ये सभी पिछले एक साल से मानवीय संपर्क से दूर थे।

वैज्ञानिकों के चेहरे पर दिखी मुस्कान
वैज्ञानिकों ने इस घर में मार्सवॉक किया और सब्जियां भी उगाई। उनके लिए एक साल तक मानवीय संपर्क से दूर रहना ठीक वैसा ही था जैसा महामारी के दौरान लॉकडाउन का सिहरन पैदा करने वाला अनुभव था। मगर शनिवार को बाहर निकलने पर चारों वैज्ञानिकों के चेहरे हंसी से खिल उठे थे।

इस खास आवास में क्या-क्या है?
मंगल ग्रह की तर्ज पर बना यह आवास 3डी प्रिटिंग से तैयार किया गया है। इसे मार्स ड्यून अल्फा नाम दिया गया है। इसका कुल क्षेत्रफल 1,700 वर्ग फुट है। इसमें शयनकक्ष, एक जिम, सामान्य क्षेत्र और खेत हैं। एक आउटडोर क्षेत्र लाल रेत से भरा है। यहीं पर टीम ने अपने "मार्सवॉक" के लिए सूट पहना था। हालांकि यह अब भी खुली हवा के बजाय ढका है।

नासा का यह पहला मिशन
नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र के उप निदेशक स्टीव कोर्नर ने जानकारी दी है कि चारों वैज्ञानिकों ने इस आवास में एक वर्ष से अधिक समय बिताया है। इस दौरान इन्होंने महत्वपूर्ण विज्ञान का अध्ययन किया है। उन्होंने बताया कि यह मिशन नासा के तीन मिशनों में से पहला है।

चंद्रमा पर इंसानों को भेजेगा अमेरिका
अमेरिका की योजना अपने आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत इंसानों को चंद्रमा पर भेजने की है। इसका उद्देश्य यह है कि इंसान वहां लंबे समय तक रहना सीख सकें और बाद में 2030 तक मंगल ग्रह की यात्रा की तैयारी में मदद कर सकें।

वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
जीव विज्ञानी केली हेस्टन ने सभी से हेलो किया और कहा कि वास्तव में आपको नमस्ते कह पाना बहुत ही अद्भुत है। आपातकालीन कक्ष के चिकित्सक जोंस ने कहा कि "मैं सचमुच उम्मीद करता हूं कि आप सबके सामने खड़ा होकर रोऊंगा नहीं। मगर कुछ क्षण बाद जब उन्होंने भीड़ में अपनी पत्नी को देखा तो वे रोने वाले ही थे।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button